कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच दुनिया भर की सरकार राहत पैकेज जारी कर रही है. कई देशों के केंद्रीय बैंक बाजार में नकदी बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं. इसके बाद भी बाजार में कहीं भी ठहराव नहीं दिख रहा है. सुरक्षित निवेश साधन माने जाने वाले सोना और चांदी भी लुढ़कते जा रहे हैं.
तेल कंपनियों ने भारत में बुधवार को दूसरे दिन भी तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है, सभी मेट्रो शहरों में तेल की कीमतें स्थिर हैं.
कोरोना वायरस का सबसे सीधा और अधिक असर कच्चे तेल पर देखने
को मिला है. चीन में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आने के तुरंत बाद
से कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत में गिरावट शुरू हो गई.
30 दिसंबर 2019 को प्रमुख कच्चे तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 68.60 डॉलर प्रति बैरल था. यह मंगलवार को दोपहर बाद के कारोबार में 29.62 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था जो 56.82% या 38.98 डॉलर की गिरावट दिखाता है.
क्रूड के भाव बढ़ाने के लिए तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और रूस के बीच उत्पादन घटाने को लेकर हुई चर्चा विफल हो गई, इसके बाद सऊदी अरब ने अपनी ओर से प्राइस वार शुरू कर दिया है. उसने तेल का उत्पादन बढ़ा दिया और कीमत घटा दी. प्राइस वार शुरू होने से तेल को एक और झटका लगा और इसकी कीमत में भारी गिरावट आई है.
इसके पहले साल 2015 में भी तेल कीमत में भारी गिरावट आई थी और 18 जनवरी 2016 को ब्रेंट क्रूड 30.09 डॉलर के निचले स्तर पर बंद हुआ था. कच्चे तेल के भाव में मंगलवार को भारी गिरावट देखने को मिली है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण तेल की डिमांड घटने की वजह से क्रूड के भाव पर दबाव है. ब्रेंट क्रूड मंगलवार को चार फीसदी गिरकर 32 डॉलर के करीब पहुंच गया है.
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30 दिसंबर 2019 को प्रमुख कच्चे तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 68.60 डॉलर प्रति बैरल था. यह मंगलवार को दोपहर बाद के कारोबार में 29.62 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था जो 56.82% या 38.98 डॉलर की गिरावट दिखाता है.
क्रूड के भाव बढ़ाने के लिए तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और रूस के बीच उत्पादन घटाने को लेकर हुई चर्चा विफल हो गई, इसके बाद सऊदी अरब ने अपनी ओर से प्राइस वार शुरू कर दिया है. उसने तेल का उत्पादन बढ़ा दिया और कीमत घटा दी. प्राइस वार शुरू होने से तेल को एक और झटका लगा और इसकी कीमत में भारी गिरावट आई है.
इसके पहले साल 2015 में भी तेल कीमत में भारी गिरावट आई थी और 18 जनवरी 2016 को ब्रेंट क्रूड 30.09 डॉलर के निचले स्तर पर बंद हुआ था. कच्चे तेल के भाव में मंगलवार को भारी गिरावट देखने को मिली है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण तेल की डिमांड घटने की वजह से क्रूड के भाव पर दबाव है. ब्रेंट क्रूड मंगलवार को चार फीसदी गिरकर 32 डॉलर के करीब पहुंच गया है.
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